Uttar Pradesh Assembly Election 2022 | Uttar Pradesh Election 2022 | UP Election 2022 | उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
नमस्कार पाठकों,
मित्रों आज के समय जहां पूरे भारत में भौगोलिक दृष्टि से सर्दी का माहौल है, तथा सर्दी अपने चरम पर है, वहीं पर भारत में भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर के गर्मी फैली हुई है। भाजपा समेत कई ऐसे राजनीतिक दल है, जो इस चुनाव पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। तथा मुख्यमंत्री बनने के पथ पर अग्रसर है। इसीलिए हमारे द्वारा इस Uttar Pradesh Election 2022 को समझना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है।- Uttar Pradesh Election 2022

इसीलिए आज के लेख में हम आपको इस पूरे राजनीतिक माहौल का पूरा बैकग्राउंड बताएंगे, इसी के साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि उत्तर प्रदेश राज्य किस प्रकार का राज्य है, जहां पर कुल कितने जिले हैं, कुल कितनी विधानसभा सीटें हैं, तथा इस उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के लिए कुल कितने मुख्यमंत्री चेहरे सामने आए हैं। कुल कितनी राजनीतिक पार्टियां इस समय चुनाव लड़ रही है, तथा कुल कितने प्रत्याशी एक दूसरे के समक्ष खड़े होंगे, कितनी राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे के समक्ष अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी।- Uttar Pradesh Election 2022
इसके साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि ऐसी कौन सी पार्टियां हैं जो आज के समय इस चुनाव को पूर्ण रूप से जीतने की क्षमता रखती हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं- Uttar Pradesh Election 2022
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उत्तर प्रदेश में भाग लेने वाली कुल पार्टियां |
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Uttar Pradesh Election 2022 का एक बैकग्राउंड
उत्तर प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से तथा जनसंख्या की दृष्टि से भी भारत का सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य अपने आप में बहुत सारी विधानसभा सीटें समाए हुए हैं, तथा इन सभी सीटों के ऊपर 14 मई 2022 को विधानसभा सीटों का यानी कि विधानसभा चुनाव का अंतिम परिणाम आएगा कि, इस महाकाय राज्य के प्रतिनिधि के रूप में कौन सा व्यक्ति या कौन सा चेहरा इसका मुख्यमंत्री बनेगा।- Uttar Pradesh Election 2022
एक तरीके से विधानसभा चुनाव 2021 के फरवरी से होना शुरू होगा जो कि सामान्य रूप से होता है। लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं करी गई है, तो अभी इस चुनाव में तकरीबन तकरीबन 2 महीने से ज्यादा बाकी है। इस चुनाव की नोटिफिकेशन डेट, लास्ट डेट ऑफ़ फीलिंग नॉमिनेशन, स्क्रुटनी ऑफ नॉमिनेशन, लास्ट डेट ऑफ withdrawal नोमिनेशन, डेट ऑफ बर्थ, डेट ऑफ काउंटिंग वोट, यह सब कुछ आना अभी बाकी है। तथा इस चुनाव से पहले जो चुनाव हुआ था -उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
यानी कि सन 2017 में फरवरी से लेकर के मार्च के मध्य जो चुनाव हुआ था, उस चुनाव को भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत से जीता था तथा उत्तर प्रदेश जैसे महाकाय राज्य में योगी आदित्यनाथ जी का चेहरा रखते हुए अपनी सरकार बनाई थी। यानी कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
उत्तर प्रदेश में भाग लेने वाली कुल पार्टियां
उत्तर प्रदेश जैसा कि पूरे भारत का सबसे बड़ा और सबसे भारी भरकम राज्य है इस राज्य में चुनाव जीतना अपने आप में ही एक कला है। क्योंकि जो भी पार्टी इस राज्य में चुनाव जीत सकती है, उसे राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनने से कोई नहीं रोक सकता। तो इसीलिए यह चुनाव बहुत सारी पार्टियों को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनने का मौका भी देती है। इसका सबसे पहला फायदा भारतीय जनता पार्टी ने उठाया था, जब इस भारतीय जनता पार्टी का नाम जनता पार्टी था।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022

- नेशनल डेमोक्रेटिक एलाइंस

अगस्त के महीने में ही इस बात की घोषणा करी जा चुकी थी कि बीजेपी, एडी, तथा निषाद पार्टी यानी कि भारतीय जनता पार्टी, अपना दल, तथा निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल की पार्टी का आपस में गठबंधन हो चुका है। तथा सितंबर के महीने में नेशनल डेमोक्रेटिक एलाइंस की बातें जनता दल यूनाइटेड और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ में चल रही थी। लेकिन सीट शेयर को लेकर के इन दोनों में क्या बातें हुई है इसका पता हमें नहीं है।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चेहरा योगी आदित्यनाथ का है। अपना दल पार्टी की तरफ से अनुप्रिया पटेल तथा निषाद पार्टी की तरफ से संजय निषाद अपनी पार्टी का चेहरा बन कर के उभरे हैं।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
- समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी का चेहरा आज किस में अखिलेश यादव है। तथा इसमें भी सबसे पहले राष्ट्रीय लोकदल ने सबसे पहला अलायंस बनाया था। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि, वे केवल और केवल छोटी मोटी पार्टियों के साथ ही गठबंधन करेंगे। किसी भी बड़ी पार्टी के साथ में उनका कोई गठबंधन नहीं होगा। -उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
इसीलिए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल का भी अलायंस जल्दी ही होने वाला है। यहां तक कि इस समाजवादी पार्टी में कई छोटी-मोटी पार्टियां और आतंकी मिलने की संभावनाएं हैं, तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने अपने पहले अलायंस को तोड़कर के समाजवादी पार्टी में ज्वाइन किया है। समाजवादी पार्टी में समाजवादी पार्टी के चेहरे अखिलेश यादव है। -उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
राष्ट्रीय लोकदल जिसका चेहरा जयंत चौधरी है। भारतीय समाज पार्टी जिसका चेहरा ओमप्रकाश राजभर है। अपना दल जिसका चेहरा कृष्ण पटेल है। महान दल जिसके चेहरा केशव देव मौर्य है, जनवादी पार्टी सोशलिस्ट जिनका चेहरा संजय चौहान है प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया जिसका चेहरा शिवपाल सिंह यादव है, यह सारी की सारी समाजवादी पार्टी के अलायंस हैं, और समाजवादी पार्टी की तरफ से ही चुनाव लड़ेंगे।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
- बहुजन समाजवादी पार्टी
बहुजन समाजवादी पार्टी आज के समय बहुत ही बड़ी और विशालकाय पार्टी है। जिसका चेहरा मायावती जी हैं। और इसके चुनाव चिन्ह हाथी बहुत ही ज्यादा चर्चा में भी रहा है। -उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
जहां एक समय ऐसा था कि बड़े बागी लोग या फिर गुंडे समाजवादी पार्टी का प्रचार करते हुए कहते थे कि, “बटन दबाएं का हाथी पर, वरना गोली पड़ेगी छाती पर, और लाश मिलेगी घाटी पर” ऐसे ही कई आपत्तिजनक नारों के साथ में मायावती की पार्टी का काफी प्रचार किया गया था, लेकिन आज के समय मायावती जी तथा इनकी बहुजन समाजवादी पार्टी ज्यादा चर्चा में नजर नहीं आ रही है।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
- यूनाइटेड प्रोगेसिव एलाइंस
बहुजन समाजवादी पार्टी की तरह ही यूनाइटेड प्रोगेसिव एलाइंस भी जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस एक मुखी चेहरा है। वह19 अक्टूबर 2021 से हीइस चुनाव में सबसे ज्यादा नजर आने लगी है। तथा इस अलायंस का चेहरा प्रियंका गांधी होंगी। और प्रियंका गांधी ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का निश्चय किया है, जिसमें से 242 सीटों पर आदमी चुनाव लड़ेंगे और 161 सीटों पर औरतें चुनाव लड़ेंगी।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
अन्य नई व पुरानी छोटी–मोटी पार्टियां
- यदि हम उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाग लेने वाले अन्य राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो इस बार सन् 2022 में उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाग लेने के लिए बहुत सारी नई पार्टियां भी मैदान में उतरेंगी। जैसे कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस जिसका चेहरा नीरज राय होंगे।
- इसके बाद में शिवसेना जिसका चेहरा ठाकुर सिंह होंगे। इसके बाद में आम आदमी पार्टी जिसका चेहरा संजय सिंह होंगे। उसके बाद में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया जिसका चेहरा गिरीश शर्मा होंगे।
- उसके बाद में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट जिसका चेहरा हीरा लाल यादव होंगे। इसके बाद में जनसत्ता दल यूनाइटेड जिसका चेहरा अभी तक उजागर नहीं किया गया है।
- इसके बाद में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक जन का चेहरा रघुराज प्रताप सिंह होंगे। इसके बाद भी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन जिसका चेहरा शौकत अली होंगे। तथा इसके बाद में जन अधिकार पार्टी जिनका चेहरा बाबू सिंह कुशवाहा होंगे।
- इसके बाद में विकासशील इंसान पार्टी जिनका चेहरा मुकेश साहनी होंगे। इसके बाद में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास जिसका चेहरा चिराग पासवान होंगे। इसके बाद में आजाद समाज पार्टी जिसका चेहरा चंद्रशेखर आजाद रावण होंगे।
- इसके बाद में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट लिबरेशन जिसका चेहरा सुधाकर यादव होगा तथा यह सारी कुछ ऐसी पार्टी है जो कि इस महा विशाल चुनाव में हिस्सा लेंगी।
उत्तर प्रदेश में कितनी विधानसभा सीटें हैं
आज के समय उत्तर प्रदेश अपनी विशालता के कारण जाना जाता है। लेकिन इसी के साथ में आज के समय उत्तर प्रदेश अपनी कानून व्यवस्था के कारण भी जाना जाता है। और इतने बड़े राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखना बहुत ही मुश्किल है। क्योंकि यह राज्य अपने आप में ही विश्व के चौथे सबसे बड़े देश के बराबर है, तथा यह राज्य अपने आप में 403 विधानसभा सीटे समाए हुए हैं यानी कि इसे राज्य में 403 विधानसभा सीटें हैं।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
कौन सी पार्टी जीते हुए दिखाई दे रही है?
आज के समय इन सभी पॉलिटिकल पार्टियों में किसी भी एक पार्टी को चुनना ज्यादा मुश्किल नहीं है। क्योंकि पिछली सभी सरकारों की तुलना में वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार यानी कि भाजपा की सरकार जिस के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ है। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य के लिए जितना किया है उतना आज के समय तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने नहीं किया है। और ऐसा कड़क तथा संवेदनशील व्यक्ति एक सीएम की कुर्सी पर बैठे तो पूरे राज्य का भला हो जाता है। और भारतीय जनता पार्टी ने 325 सीटों के साथ में सन 2017 का चुनाव जीता था जो कि एक बहुत ही भयंकर और बड़ी मेजॉरिटी थी।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
लेकिन यदि कोई राजनीतिक पार्टी इस चुनाव को जीतने चाहती है तो उसे बहुमत यानी कि 202 सीटों को प्राप्त करना जरूरी होगा। इसीलिए यह कहा जा सकता है कि आज के समय योगी आदित्यनाथ के द्वारा नेतृत्व करी जा रही बीजेपी की सरकार काफी ज्यादा आगे दिखाई दे रही है। इसके अलावा कांग्रेस में प्रियंका गांधी भी काफी ज्यादा चर्चा में नजर आ रही है, और अखिलेश यादव की इस बार काफी चर्चा में नजर आ रहे हैं।-उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
- उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे पहले छतरी के नवाब इंडिपेंडेंट तौर पर 3 अप्रैल 1937 को चीफ मिनिस्टर बने थे। तथा 16 जुलाई 1937 को उन्होंने अपना परिचय दिया।
- तथा इसके बाद में गोविंद बल्लभ पंत ने 17 जुलाई 1937 को अपना सीएम का पद इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी की तरफ से हासिल किया। तथा 2 नवंबर 1939 को उन्होंने अपना पद त्याग दिया। इसके बाद में 31 मार्च 1946 तक उत्तर प्रदेश राज्य में राज्यपाल शासन में लगा हुआ था।
- इसके बाद में फिर से 1 अप्रैल 1946 को गोविंद बल्लभ पंत इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से फिर से मुख्यमंत्री बने थे।
- इसके बाद में फिर से गोविंद बल्लभ पंत 26 जनवरी 1950 से लेकर के 27 दिसंबर 1954 तक मुख्यमंत्री रहे जो कि इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी की तरफ से थे।
- इसके बाद भी संपूर्णानंद जी इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से 28 दिसंबर 1954 से लेकर के 6 दिसंबर 1960 तक मुख्यमंत्री रहे।
- इसके बाद सुचेता कृपलानी 2 अक्टूबर 1963 से 13 मार्च 1967 तक इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री रही।
- इसके बाद चंद्र भानु गुप्ता ने 14 मार्च 1967 से 2 अप्रैल 1967 तक 19 दिनों की सरकार चलाई थी।
- इसके बाद में एक बड़ा मोड़ आया था तथा भारतीय क्रांति दल की तरफ से चौधरी चरण सिंह मुख्यमंत्री बने। जिन्होंने 3 अप्रैल 1967 से लेकर के 25 फरवरी 1968 तक सरकार चलाई। इसके बाद में 1969 तक 1 साल के लिए उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा रहा।
- इसके बाद में फिर से चंद्र भानु गुप्ता 26 फरवरी 1969 से लेकर के 17 फरवरी 1970 तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद में फिर से चौधरी चरण सिंह 18 फरवरी 1970 से 1 अक्टूबर 1970 तक मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद में फिर से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया जो कि 17 दिन तक चला।
- इसके बाद में त्रिभुवन नारायण सिंह ने 18 अक्टूबर 1970 से 3 अप्रैल 1971 तक इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री का भार संभाला।
- इसके बाद भी कमलापति त्रिपाठी ने इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से 4 अप्रैल 1971 से लेकर के 12 जून 1973 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। इसके बाद में 1973 तक फिर से राष्ट्रपति शासन लग।
- इसके बाद में इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से हेमवती नंदन बहुगुणा 8 नवंबर 1973 से लेकर के 29 नवंबर 1975 तक इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद में फिर से राष्ट्रपति शासन लगा जो कि 52 दिनों का चला।
- इसके बाद में नारायण दत्त तिवारी इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से 21 जनवरी 1976 से लेकर के 30 अप्रैल से 70 तक उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद में फिर से प्रेसिडेंट रूल लगा यानी कि राष्ट्रपति शासन लगा जो कि 54 दिनों तक चला।
- इसके बाद में नारायण दत्त तिवारी इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से 21 जनवरी 1976 से लेकर के 30 अप्रैल से 70 तक उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद में फिर से प्रेसिडेंट रूल लगा यानी कि राष्ट्रपति शासन लगा, जो कि 54 दिनों तक चला।
- इसके बाद में इसके बाद में राम नरेश यादव जो कि जनता दल पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री बने तथा उन्होंने 23 जून 1977 से 27 फरवरी 1969 तक अपना पूरा कार्यभार संभाला।
- इसके बाद में बाबू बनारसी दास ने 28 फरवरी 1969 से लेकर के 17 फरवरी 1980 तक लगभग 1 साल की अपनी पूरी सरकार चलाई, जो कि जनता दल पार्टी से आते थे। इसके बाद में फिर से राष्ट्रपति शासन लगा जो कि 113 दिनों तक चला।
- इसके बाद में विश्वनाथ प्रताप सिंह इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से 9 जून 1980 से लेकर के 18 जुलाई 1982 तक मुख्यमंत्री रहे।
- इसके बाद में श्रीपति मिश्रा 19 जुलाई 1982 से लेकर के 2 अगस्त 1984 तक इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री रहे।
- इसके बाद में नारायण दत्त तिवारी फिर से मुख्यमंत्री बने जो कि 3 अगस्त 1984 से लेकर के 24 सितंबर 1985 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे।
- इसके बाद वीर बहादुर सिंह 24 सितंबर 1985 से लेकर के 24 जून 1988 तक मुख्यमंत्री रहे जो कि इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से थे।
- उसके बाद में फिर से नारायण दत्त तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया गया जो कि 25 जून 1988 से लेकर के 5 दिसंबर 1989 तक मुख्यमंत्री रहे।
- इसके बाद में मुलायम सिंह यादव जनता दल की तरफ से 5 दिसंबर 1989 से लेकर के 24 जून 1991 तक मुख्यमंत्री रहे जो कि जनता दल पार्टी की तरफ से थे।
- इसके बाद में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 24 जून 1991 से लेकर के 6 दिसंबर 1992 तक कल्याण सिंह की सरकार रही इसके बाद में लगभग 1 साल तकउत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
- तथा इसके पश्चात मुलायम सिंह यादव फिर से मुख्यमंत्री बने जो कि 4 दिसंबर 1994 से लेकर के 3 जून 1995 तक मुख्यमंत्री रहे जो कि समाजवादी पार्टी से आ चुके थे।
- इसके बाद में मायावती जी 3 जून 1995 से लेकर के 18 अक्टूबर 1995 तक मुख्यमंत्री रहे जो कि बहुजन समाजवादी पार्टी से थी।
- इसके पश्चात कल्याण सिंह फिर से मुख्यमंत्री बने जो कि 21 सितंबर 1997 से लेकर के 12 नवंबर 1999 तक मुख्यमंत्री रहे।
- इसके बाद में राम प्रकाश गुप्ता ने 12 नवंबर 1999 से लेकर के 28 अक्टूबर 2000 तक मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला तथा इसके ठीक बाद राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री रहे जो कि 28 अक्टूबर 2000 से लेकर के 7 मार्च 2002 तक मुख्यमंत्री रहे और इसके ठीक बाद में 8 मार्च 2002 से लेकर के 3 मई 2002 तक 56 दिनों का राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
- इसके बाद में मायावती जी फिर से मुख्यमंत्री बनी जो कि 3 मई 2002 से लेकर के 29 अगस्त 2003 तक मुख्यमंत्री रहे।
- उसके बाद में मुलायम सिंह यादव फिर से मुख्यमंत्री बने, जो कि समाजवादी पार्टी से थे तथा 29 अगस्त 2003 से लेकर के 13 मई 2007 तक मुख्यमंत्री रहे।
- इसके बाद में मायावती जी फिर से मुख्यमंत्री बने जिन्होंने 13 मई 2007 से लेकर के 15 मार्च 2012 तक मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला और लगभग 5 सालों की सरकार चलाई।
- इसके बाद में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने जिन्होंने 15 मार्च 2012 से लेकर के 19 मार्च 2017 तक मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला जो कि समाजवादी पार्टी से थे।
- तथा इसके बाद में अंतिम तौर पर योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने जिन्होंने 19 मार्च 2017 से लेकर के अभी तक के समय के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला है तथा यह भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री बने हैं।
निष्कर्ष– उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
तो आज के लेख में हमने जाना कि Uttar Pradesh Election 2022 का किस प्रकार का बैकग्राउंड है, इसमें कौन-कौन सी पार्टियां हिस्सा ले रही हैं, किन पार्टियों ने पहले भी सरकार बनाई है, कौन-कौन से मुख्यमंत्री रहे हैं, तथा इन सबके अलावा हमने इस चुनाव से संबंधित लगभग सारी जानकारी हासिल कर ली है। हम आशा करते हैं कि आप को इस चुनाव से लेकर की कोई भी समस्या नहीं होगी।- Uttar Pradesh Assembly Election 2022
धन्यवाद